अखिल भारतीयअघरिया समाज केन्द्रीय अध्यक्ष , केन्द्रीय समिति की और से हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। रामभक्त और केसरीनंदन हनुमानजी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा तिथि पर सुबह के समय हुआ था। हनुमान जयंती पर बजरंगबली की विधिवत पूजा-आराधना के साथ चोला चढ़ाने के साथ-साथ तेल और सिंदूर चढ़ाने का भी विधान है। ज्योतिषशास्त्र में मान्यता है कि हनुमानजी की भक्तिभाव से पूजा करने पर अशुभ ग्रह भी शुभफल देने लगते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान बाहुक का पाठ करने से जन्म कुंडली के अकाल मृत्यु योग भी नष्ट हो जाएंगे। इनकी आराधना के फलस्वरूप सभी अशुभ ग्रह शुभ फल देने को विवश हो जाते हैं। हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान भक्त अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को शुभकामना संदेश भेजते हैं।
सन्देश -आप सभी लोग घर रहे और कोरोना नियमो का पालन करे