🌸🌸🌸 अघरिया धाम 🌸🌸🌸
परिकल्पना से आगाज तक
मित्रो हम अघरिया समाज के लोग हैं जो सैकड़ों वर्षों पूर्व उत्तरप्रदेश के आगरा क्षेत्र से बेहतर जीवन की तलाश में पहले ओड़िशा और फिर छत्तीसगढ़ में आ कर यहां की संस्कृति में घुल मिल गए हैं।
किसी भी समाज का विकास संगठित होकर आपसी तालमेल एवं एकता से ही होता है। इस हेतु अघरिया समाज के लोगों को संगठित करने के लिए सर्वप्रथम 1923 में हमारे डभरा क्षेत्र जिला सक्ती के ग्राम रेड़ा निवासी श्रीराम गौंटिया के नेतृत्व में रेड़ा में प्रथम महासभा का आयोजन किया गया था। अखिल भारतीय अघरिया समाज के नाम से हमारे संगठन की शुरुवात हुई। हमारे समाज के प्रबुद्ध लोगों द्वारा विगत वर्षों में विभिन्न जगहों पर महासभा का आयोजन कर समाज को संगठित करने का प्रयास किया गया। इस दौरान यह बात सामने आई कि समाज का एक केंद्रीय भवन हो जहां पूरे समाज का ब्योरा उपलब्ध हो और जहां पर समय समय पर बैठक आयोजित कर समाज सुधार और विकास के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। इस हेतु हमारे संगठन का विधिवत पंजीयन कराने की आवश्यकता महसूस हुई और 07/11/1979 को फर्म एंड सोसाइटी एक्ट के तहत अखिल भारतीय आगरिया समाज के नाम से पंजीकृत कराया गया। जिसे बाद में आगरिया शब्द को बदलकर अखिल भारतीय अघरिया समाज कर दिया गया। इसका विधिवत संविधान का निर्माण किया गया जिसके तहत ही सामाजिक क्रियाकलाप इत्यादि किए जा सकते हैं। इसमें संगठन का पूरा प्रारूप रखा गया जिसके तहत एक केंद्रीय कार्यकारिणी रहेगी जिसमें हर पांच वर्ष में अध्यक्ष,वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष का चुनाव/ मनोनयन किया जायेगा। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओड़िशा को मिलाकर 10 अंचल, 36 क्षेत्रों और हर क्षेत्र में कई परिक्षेत्रों और ग्राम इकाई में बांटा गया। केंद्रीय स्तर पर हर पांच वर्ष में कम से कम एक बार महासभा और क्षेत्रीय स्तर पर हर वर्ष एक वार्षिक सभा एवं बीच बीच में बालसभा आयोजित करने की बात कही गई है।
समाज के प्रबुद्ध लोगों को यह विचार आ रहा था कि अघरिया समाज के लोगों के लिए एक ऐसी जगह हो जहां जाकर उसे अपने अघरिया होने पर गर्व हो और उसे अपनी पुरातन संस्कृति, परंपरा,आचार व्यवहार, रहन सहन,वेशभूषा इत्यादि की जानकारी प्राप्त हो अपने इष्टदेव के दर्शन हों इसके साथ ही साथ उसे सभी अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हो।
इसके लिए अखिल भारतीय अघरिया समाज के तात्कालीन वरिष्ट उपाध्यक्ष श्री भुवनेश्वर पटेल जी द्वारा अघरिया सदन रायगढ़ में जन्माष्टमी के दिन 02/08/18 को समाज के लोगों से अघरिया धाम निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध करने के लिए अघरिया समाज के 36 ग्रुपों से निवेदन किया गया।
इसके लिए बहुत से गांव के लोगों ने अपनी जमीन देने पर सहमति जताई जिनमें से प्रमुख गांवों में ग्राम केना, ग्राम संडा और ग्राम बार बरमकेला क्षेत्र, खरसिया क्षेत्र से ग्राम मुरा, डभरा क्षेत्र से ग्राम साल्हे, ग्राम पैता और ग्राम कौआताल के लोग प्रमुख थे। सभी जगहों पर विचार विमर्श करने के उपरांत महासमुन्द जिले के बसना ब्लॉक में स्थित ग्राम पैता सर्वाधिक उपयुक्त लगा। ग्राम पैता के 25 अघरिया परिवारों की 11 एकड़ 5 डिसमिल जमीन जो तीन तरफ से रास्ते और एक तरफ पहाड़ी से घिरी हुई है को सर्वाधिक उपयुक्त पाया गया। बसना क्षेत्र के तात्कालीन अध्यक्ष श्री गोपाल नायक जी के नेतृत्व में पदाधिकारियों के प्रयास से उक्त जमीन के मालिक परिवारों ने जमीन को “अघरिया धाम” निर्माण के लिए देना सहर्ष स्वीकार कर स्टाम्प में लिखकर दे दिया गया । महासमुन्द में 08/02/19 को उक्त 11 एकड़ लगभग जमीन को समस्त दानदाताओं द्वारा समाज के नाम में दान देकर विधिवत पंजीकृत कराया गया। आज 08/03/24 की स्थिति में वहां लगभग 17 एकड़ भूमि अघरिया धाम स्थल के लिए अधिगृहित की जा चुकी है।
अघरिया धाम का भूमिपूजन ग्राम पैता के उक्त जमीन पर एक विशाल सम्मेलन आयोजित कर तात्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री आदरणीय श्री उमेश पटेल जी के कर कमलों से 07/03/19 को संपन्न हुआ।
अखिल भारतीय अघरिया समाज के वर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष श्री भुवनेश्वर पटेल जी के कार्यकाल में अघरिया धाम निर्माण हेतु प्रक्रिया आगे बढ़ी। अघरिया धाम में निर्मित होने वाले प्रकल्पों में
हमारी प्रथम प्राथमिकता समाज के ईष्ट देव भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर, गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने वाला विद्यालय, अत्याधुनिक अस्पताल,चारो धाम का मंदिर,पुष्पवाटिका, सरोवर-बोटक्लब,सेवन वंडर गार्डन,महात्मा विदुर की विशाल प्रतिमा,150×50 के एरिया में एसी कमरों के 6 मंजिला यात्री निवास, वाच टावर लिफ्ट युक्त,ओवरहेड पानी टँकी,एसी धर्मशाला,अत्याधुनिक टॉयलेट,सामाजिक चिन्हारी म्यूजियम,आधुनिक लायब्रेरी,सोलर पैनल एवं इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल रूम,पार्किंग,वाटर हार्वेस्टिंग,गोशाला,किचन गार्डन,ओपन जिम,विवाह वाटिका,धाम के चारो ओर 40 फिट चौड़ी सड़क स्ट्रीट लाइट लगी हुई इत्यादि हो।
उक्त समस्त निर्माण के लिए करोड़ों रुपए की आवश्यकता को देखते हुए समाज के लोगों से अघरिया धाम निर्माण हेतु राशि दान देने का निवेदन किया गया।अघरियाधाम में बन रहे भब्य श्रीराधा कृष्ण मंदिर निर्माण में सहयोग हेतु सभी क्षेत्रों के अध्यक्षों एवं सभी पदाधिकारियों के सुझाव के लिए श्री प्रेम शंकर पटेल जी केंद्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में एक बैठक रखी गई थी जिसमे सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों एवं सामाजिक बन्धुओं से विचार विमर्श उपरांत मिलकर तय किया कि अघरिया धाम मंदिर में अपनी भागीदारी हेतु एक ईंट का दान 1100 रुपया रखा गया है,अपनी श्रद्धा अनुसार आप असंख्य ईंट का भी दान कर सकते हैं।इसी तरह वेतन भोगियों (यहां स्पष्ट किया जाता है कि वेतन भोगी शासकीय,गैर शासकीय दोनों से है) से 20000 तक वेतन पाने वाले को 5 ईंट की राशि दान,50000 तक वेतन भोगी को न्यूनतम 11 ईंट की राशि दान,100,000 तक वेतन भोगी को न्यूनतम 21 ईंट की राशि दान,किसान को प्रत्येक एकड़ 300 रु, व्यापारी से उनके व्यवसाय अनुरूप क्षेत्रीय समिति अनुमान लगाएगी किन्तु प्रत्येक प्रतिष्ठित लघु व्यापारी को 2 ईंट की राशि दान एवं मध्यम प्रतिष्ठित व्यापारी को 11 ईंट राशि दान एवं बड़े प्रतिष्ठित व्यापारियों को न्यूनतम 51से मन इच्छा तक ईंट की राशि दान,राजनीतिक क्षेत्र से सरपंच ,जनपदअध्यक्ष,उपाध्यक्ष,जिलापंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगर पंचायत/पालिका/निगम अध्यक्ष,उपाध्यक्ष, को न्यूनतम 21 ईंट की राशि दान से मन इच्छा तक,पार्षद/जनपद सदस्य,जिला पंचायत सदस्य को 2 ईंट की राशि दान,डॉक्टरों से कम से कम 51ईंट की राशि से मन इच्छा तक,भूमिहीन को 151 रु से मन इच्छा तक का निर्णय लिए। किसी के घर मे वेतन भोगी,व्यापारी ,किसान तीनों व्यवसाय के लोग हैं तो तीनों के तहत सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया जायेगा। यह सभी दानदाताओं के स्वेच्छा से दी जानी वाली सहयोग का निर्णय है ।
विगत 26/03/23 को अखिल भारतीय अघरिया समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री भुवनेश्वर पटेल जी सह धर्मपत्नी सामाजिक बन्धुओं द्वारा अघरिया धाम पैता में श्रीराधा कृष्ण मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ शिला पूजन और नींव भराई का कार्य संपन्न किया गया। मंदिर निर्माण की जानकारी देते हुए बताया गया कि मंदिर का आधार 154 फीट गुणा 112 फीट और सतह से 8 फीट नीचे और 5 फीट सतह से ऊपर तक आधार रहेगा। मंदिर का निर्माण राजस्थान के संगमरमर से किया जायेगा। जिसके लिए एक केंद्रीय टीम राजस्थान के संगमरमर खदानों का निरीक्षण करने पिछले दिनों गई थी। मंदिर निर्माण के लिए सर्वाधिक उपयुक्त संगमरमर का चयन कर वहां की एक कंपनी को निर्माण सामग्री प्रदान करने हेतु चयनित किया गया है जो बाजार दर से काफी कम दर पर पत्थरों पर कारीगरी करके 3से 4000 रु प्रति घन मीटर पर पैता धाम पहुंचाकर देने की बात तय की गई है।
श्री राधा कृष्ण मंदिर निर्माण में 51000 रू या उससे अधिक राशि दान करने वालों का नाम मंदिर की दीवार में शिलापट्टिका में अंकित किया जायेगा।
बसना में 13/03/22 को आयोजित भेंट मुलाकात में सामाजिक संगठनों से मुलाकात के दौरान तात्कालीन मुख्यमंत्री आदरणीय श्री भूपेश बघेल जी से अखिल भारतीय अघरिया समाज के पदाधिकारियों ने अघरिया धाम के विकास हेतु राशि की मांग की जिस पर यशस्वी मुख्यमंत्री ने एक करोड़ की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। 2023 में विधान सभा चुनाव के बाद समाज के पदाधिकारियों और प्रबुद्ध लोगों ने आदरणीय वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी जी से मुलाकात कर उक्त राशि शीघ्र जारी करने का निवेदन किया जिस पर तत्काल संज्ञान लेकर आदरणीय वित्त मंत्री ने तुरंत मंत्रालय से संपर्क कर उक्त एक करोड़ की राशि जारी करवाई। पिछले 02/03/24 को आदरणीय वित्तमंत्री श्री ओ पी चौधरी जी द्वारा अघरिया धाम में 50-50 लाख के दो सामुदायिक भवनों का भूमिपूजन कर दिया गया है।
अखिल भारतीय अघरिया समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री भुवनेश्वर पटेल जी के नेतृत्व में समस्त पदाधिकारी श्रीकृष्ण राधा मंदिर के निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। सभी क्षेत्रों से दान राशि संकलन की जा रही है और पदाधिकारियों के पास श्रीकृष्ण राधा मंदिर निर्माण हेतु दान राशि देने वालों के लिए रसीद बुक उपलब्ध है। आप सबसे निवेदन है कि जिन लोगों ने अभी तक दान राशि प्रदान नहीं किया है वे कृपया अपने क्षेत्र के पदाधिकारियों से संपर्क कर दान राशि देकर रसीद प्राप्त कर लें। चूंकि इक्यावन हजार या उससे अधिक राशि देने वालों का नाम मंदिर की दीवार में शिलापट्टिका में अंकित किया जायेगा किंतु दीवार में सीमित लोगों के ही नाम लिखे जा सकते हैं इसलिए आप से निवेदन है शीघ्रातिशीघ्र 51 हजार या उससे अधिक राशि देकर अपना नाम अमर करवा सकते हैं।
मंदिर में आधार का कार्य पूर्ण हो चुका है और पिछले दिनों राजस्थान से संगमरमर के स्तंभ और शिलाओं की पहली खेप और कल 07/03/24 को दूसरी खेप पैता पहुंच चुकी है।
अघरिया धाम स्थल का निरीक्षण या वहां जाने के लिए गूगल मैप का लिंक निम्न है
आप सबसे निवेदन है कि वहां पधारकर इस पावन भूमि का दर्शन कर अखिल भारतीय अघरिया समाज द्वारा निर्मित किए जा रहे इस अघरिया धाम के साक्षी बनें।। ✍️विजय पटेल।।